8/07/2010

भाजपा की एएमयू में आरक्षण नीति लागू करने की मांग

भाजपा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के संबंध में पूर्व में लिए गए तमाम फैसलों को हवाला देते हुए इस विश्वविद्यालय में आरक्षण नीति पर अमल न किए जाने पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल से स्पष्टीकरण मांगा है।

भाजपा प्रवक्ता रामनाथ कोविन्द ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ""इलाहाबाद उच्चा न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा था कि एएमयू अल्पसंख्यकों की संस्था नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय महत्व की संस्था है। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के कल्याण से सम्बंधित संसदीय समिति ने अगस्त 2001 में संसद के दोनों सदनों के सामने प्रस्तुत की गई अपनी रिपोर्ट में यह बात कही थी कि केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते एएमयू अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण के आदेशों पर अमल करने के लिए बाध्य है।"" उन्होंने कहा कि समिति ने यह सिफारिश भी की थी कि यदि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय आरक्षण आदेशों पर अमल करने में विफल रहता है तो उसका केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा वापस लिया जा सकता है और उसको दिया जाने वाला अनुदान भी बंद किया जा सकता है। कोविन्द ने कहा कि इन क़डी सिफारिशों के बावजूद एएमयू अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्रों को प्रवेश देने तथा शिक्षक/गैर-शिक्षक स्टाफ को नियुक्त करने मे राष्ट्रीय आरक्षण नीति पर अमल करने में विफल रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री तथा मानव संसाधन व विकास मंत्री से यह स्पष्ट करने की मांग की कि इलाहाबाद उच्चा न्यायालय व संसदीय समिति के फैसलों के बावजूद एएमयू में आरक्षण नीति पर अमल क्यों नहीं किया जा रहा है।

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