4/26/2008

धार्मिक आधार पर आरक्षण देने की कोशिश

संविधान की अनदेखी-आडवाणी
धार्मिक आधार पर आरक्षण देने की कोशिश


कोच्चि (भाषा), शनिवार, 26 अप्रैल 2008( 22:17 IST )
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शनिवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार पर दलित ईसाइयों और दलित मुस्लिमों को अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के दायरे में लाकर धर्म के आधार पर आरक्षण देने के प्रस्ताव के जरिये संविधान से विमुख होने का आरोप लगाया।केरल में विभिन्न अनुसूचित जातियों और जनजातियों के संगठनों की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार जब से सत्ता में आई है वह जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल द्वारा स्वीकार की गई संवैधानिक योजना के दो महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी करने की कोशिश कर रही है। इस संवैधानिक योजना का पालन वर्ष 2004 तक सभी सरकारों ने किया है।उन्होंने कहा कि सिर्फ मनमोहनसिंह सरकार ही ऐसी है जो पहली बार धर्म के आधार पर आरक्षण देने की कोशिश कर रही है और इसके लिए वह दलित ईसाइयों तथा मुस्लिमों को अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की कोशिश कर रही है।उन्होंने कहा कि केरल में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों की संख्या 35 लाख है और कांग्रेस अन्य 45 लाख दलित ईसाइयों तथा दलित मुस्लिमों को इस श्रेणी के आरक्षण के दायरे में लाकर समुदाय पर बोझ डालना चाहती है।

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